LIC IPO: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एलआईसी (LIC) के आईपीओ के लिए 20% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी है।
देश के सबसे बड़े आईपीओ (IPO) को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी (LIC) के आईपीओ के लिए ऑटोमैटिक रूट के जरिए 20% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी दे दी है। एलआईसी सेबी (SEBI) के पास डीआरएचपी (Draft Red Herring Prospectus) दाखिल कर चुका है। केंद्र सरकार 5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री करेगी जिसका अनुमानित मूल्य 63 करोड़ रुपए है।
एलआईसी दुनिया में किसी बीमा कंपनी का तीसरा सबसे बड़ा आईपीओ होगा। एलआईसी आईपीओ का 5 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों के लिए, 10 फीसदी हिस्सा बीमा धारकों के लिए रिजर्व रखेगा। एलआईसी आईपीओ का कुल 35 फीसदी हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए है। यानी जिनके पास एलआईसी बीमा है, वो चार लाख तक के शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं।
कैसे लें एलआईसी आईपीओ पर डिस्काउंट?: उम्मीद जताई गई है कि एलआईसी पॉलिसी होल्डर के लिए आईपीओ का कुछ हिस्सा रिजर्व रखेगी और उन्हें प्राइस में डिस्काउंट भी मिल सकता है। अगर कोई एलआईसी का पॉलिसी धारक है तो 28 फरवरी से पहले पॉलिसी को पैन कार्ड से लिंक कराना होगा। इसके लिए आपके पास Demat Account होना जरूरी है। अगर आपके पास Demat अकाउंट है और आपकी पॉलिसी पैन कार्ड से लिंक है तो आपको एलआईसी के शेयर डिस्काउंट पर भी मिलने की उम्मीद है।
एलआईसी में विनिवेश के जरिए सरकार करीब 12 हजार करोड रुपए जुटा चुकी है, जबकि मौजूदा समय में एलआईसी में सरकार के पास पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी है। आईपीओ के बाद सरकार के पास 95 फीसदी हिस्सेदारी बचेगी। सरकार की पूरी कोशिश है कि वर्तमान वित्त वर्ष के आखिरी महीने (मार्च 2022) में एलआईसी का आईपीओ आ जाए।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल जुलाई में एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम को मंजूरी दी थी। इस निर्गम के लिए एलआईसी ने बाजार नियामक सेबी के पास आवेदन किया था।