नालंदा: बिहार के नालदा जिले में बड़े पैमाने पर शिक्षा सेवकों का स्थानांतरण किया गया है। जिले के विभिन्न पंचायतों के महादलित टोलों में शिक्षण केन्द्रों पर बहाल 554 शिक्षा सेवकों और तालीमी मरकज स्वयंसेवकों का तबादला कर दिया गया है।
आपको बता दें कि नालंदा जिले में कुल 554 महादलित टोलों में शिक्षण केन्द्र हैं, जहां इतनी ही संख्या में शिक्षा सेवक और शिक्षा स्वयं सेवक बहाल हैं। इनमें 453 शिक्षा सेवक और 101 तालीमी मरकज के स्वयंसेवी शामिल है। इन केन्द्रों पर अधिकांश शिक्षा सेवक 10 से 12 साल से अधिक समय से जमे हुए थे।
डीपीओ साक्षरता अरुण कुमार ने बताया कि विभागीय आदेश के बाद एक ही जगह पर जमे सभी शिक्षा सेवकों का तबादला कर दिया गया है। शिक्षा सेवकों के चयन और सेवा शर्त मार्गदर्शिका के अनुसार इनका तबादला किए जाने का प्रावधान किया गया है। नई नियमावली में इनकी जिम्मेदारी बढ़ेगी। जिस टोला में महादलितों की संख्या काफी कम रहेगी, वहां के टोला सेवक को दूसरे टोले की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी से जुड़े जागरूकता के लिए इनकी सेवा ली जाएगी। योजनाओं को लेकर इस वर्ग के लोगों को जागरूक करना इनकी जिम्मेदारी होगी। टोला सेवकों और शिक्षा स्वयंसेवकों पर महादलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़ा वर्ग अक्षर आंचल योजना के तहत इस वर्ग के निरक्षर महिलाओं को पढ़ाना है।
इस वर्ग के बच्चों को स्कूल जाने के पहले टोलों में पढ़ाना है, फिर इन्हें स्कूल में नामांकन कराना है। 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों का स्कूलों में नामांकन कराना है।
डीपीओ ने बताया कि सभी शिक्षा सेवकों को 7 मई तक नए स्थल पर योगदान देने का निर्देश दिया गया है। साथ ही शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए 25 बच्चों का कोचिंग में नामांकन और 20 असाक्षर महिलाओं का साक्षरता केंद्र में नामांकन कराने का निर्देश दिया गया है।
कहां कितने शिक्षा सेवकों का हुआ तबादला
नगरनौसा – 44 नूरसराय – 36
राजगीर – 23 एकंगरसराय – 5
अस्थावां – 27 हरनौत – 33
सिलाव – 37 बिहारशरीफ – 71
बेन – 16 थरथरी – 30
इसलामपुर – 49 परबलपुर – 21
हिलसा – 26 गिरियक – 53
कतरीसराय – 8 रहुई – 8
बिन्द – 4 सरमेरा – 7
करायपरसुराय – 28 चंडी – 37