हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के बाण गंगा क्षेत्र में बहने वाली बनेर खड्ड में लोगों ने वो देखा जिसे देखने के लिये देश विदेश से लोग कांगड़ा के ज्वालामुखी मन्दिर में पहुंचते हैं। दरअसल ज्वालामुखी मन्दिर की जगती ज्वालाओं को लेकर यूं तो वैज्ञानिक तौर पर कई तर्क दिये जाते हैं।
मगर लोगों की आस्था के आगे ये वैज्ञानिक तर्क ठीक उतने ही हैं जितने एक इंसान के समक्ष दहीं में कुलबुलाने वाले कीड़े। क्योंकि वैज्ञानिक तौर पर भी अभी तक बहुत प्रयासों के बावजूद भी जगती ज्वालाओं का कोई अंत नहीं पा सका और हमेशा आस्था ही जीतती रहीं।
ठीक उसी तरह से अब एक और चमत्कार रामनवमी के दिन लोगों ने अपनी आंखों से देखा। जिसे देख हर कोई गदगद हैं। दरअसल लोगों ने वो देखा जिसके बाद उनकी आस्था ज्वालाजी के प्रति और भी अगाध हो गई हैं।
चश्मदीदों के मुताबिक जब वो बनेर खड्ड में नवरात्रों में बीजी गई हरियाली को प्रवाहित करने गए हुये थे और सच्चे मन से ज्वालाजी से प्रार्थना कर रहे थे तो नदी में अचानक से एक जोत जगती हुई उनके सामने से प्रवाहित होने लगी।
नदी में पानी के बीचों बीच हिचकोले खाती वो जोत इन लोगों के लिये अपने आप में ही चमत्कार थां। हालांकि ऊबड़खाबड़ नदी में कोई भी ठोस या नरम चीज तभी तैर सकती हैं। जब वो अंदर से फूली हुई हो।मगर कोई जगती हुई चीज यूं प्रवाहित होने लगी तो तर्क भी बेतर्क हो जाते हैं। हालांकि सवाल तो बहुत थे मगर वीडियो देखकर हमारा भी सर चकराया और हमने भी चश्मदीदों से इस बाबत जानकारी हासिल की और जो उन्होंने बताया वो अब कांगड़ा के मशहूर शक्तिपीठों को और भी बड़ा आस्था का केंद्र बना रहा हैं।