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गरबा की शान थीं फाल्गुनी, जिद ने तबाह किया करियर

Diksha Mishra by Diksha Mishra
October 11, 2023
in मनोरंजन
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गरबा की शान थीं फाल्गुनी, जिद ने तबाह किया करियर
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शारदीय नवरात्रि में बस कुछ दिन बचे हैं. मां दुर्गा के 9 अवतारों के साथ एक बार फिर से गरबा और डांडिया की धूम पूरे देश में देखने को मिलेगी. नवरात्रि में गरबा और डांडिया खेलने की परंपरा काफी पुरानी है. गरबा को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. जब-जब गरबा का जिक्र होता तो सबसे पहला नाम सिंगर फाल्गुनी पाठक का आता है, जो कभी गरबा की शान हुआ करती थीं. बिना फाल्गुनी के गानों के गरबा अधूरा-अधूरा सा आज भी लगता है. एक जमाने में लोग उनकी आवाज के दीवाने थे. एक के बाद एक हिट गाने देने वाली फाल्गुनी की 1 जिद ने उन्हें पाया हुआ स्टारडम खोने पर मजबूर कर दिया औरदेखते ही देखते उनका करियर बर्बाद हो गया और अचानक वह गुमनाम हो गईं।
चूड़ी जो खनके हाथों में’, ‘मेरी चूनर उड़-उड़ जाए’ जैसे गानों घर-घर में पहचान बनाने वालीं सिंगर फाल्गुनी पाठक को रिप्लेस करना आसान नहीं है. 90 के दशक में रातोंरात सिंगिग स्टार बनने वाली फाल्गुनी अचानक से गुमनाम हो गईं. साल 1998 से 2002 तक फाल्गुनी के गाने लोगों के दिलों पर राज किया. इतना ही नहीं, उनके गाने रिलीज के साथ ही इतने पॉपुलर हो जाया करते थे कि लोग उनके नए गाने आने का इंतजार किया करते थे. 90 के दशक में जिस सिंगर ने भारत ही नहीं विदेश में भी पहचान बना ली, वो अचानक से गुमनाम क्यों हो गईं और आज वह किस हाल ही में है. आज बात करते हैं ‘गरबा क्वीन’ फाल्गुनी पाठक की।
90 के दशक में यूं तो कई सिंगर आए, लेकिन जो धूम फाल्गुनी पाठक के गानों ने मचाई. वह कोई नहीं मचा सका. फाल्गुनी गुजराती हैं. फाल्गुनी के पिता नहीं चाहते थे कि बेटी गानें गाए, लेकिन उन्होंने पिता की नाराजगी को नजरअंदाज कर इस राह को अपना लिया. एक गुजराती फिल्ममेकर ने उन्हें अपनी फिल्म में गीत गाने का मौका दिया. उन्होंने अपना पहला गाना उस दौर की मशहूर गायिका अलका याग्निक के साथ रिकॉर्ड किया था.
1998 में उनका पहला म्यूजिक एल्बम ‘याद पिया की आने लगी’ आई तो इस एल्बम ने लोगों के बीच धूम मचा दिया. इसके ठीक एक साल बाद साल 1999 में उन्होंने अपना दूसरा एब्लम लिरीज किया, जिसका नाम था ‘मैंने पायल है छनकाई’. इस एल्बम को भी लोगों ने खूब प्यार दिया. इसके बाद तीसरा ‘मेरी चूनर उड़ उड़ जाए’ के साथ उन्हें लोगों का प्यार और मिला. फाल्गुनी पाठक सीधे सफलता के सातवें आसमान पर पहुंच गईं. अब तो लोग उनके प्राइवेट एल्बम का इंतजार किया करते. 2 साल के इंतजार के बाद 2002 में उन्होंने एक और एल्बम रिलीज किया यह ‘किसने जादू किया’, युवा लवस्टोरी के बीच फाल्गुनी किए मीठी आवाज लोगों के सिर चढ़कर बोल रही थी. लेकिन इसी दौरान उनसे एक गलती हो गई और अचानक से उनका करियर अचानक डूबने लगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जब उनका पहला एब्लम हिट हुआ था, तब से ही कई म्यूजिक डायरेक्टर उनके लिए फिल्मों में गाना का ऑफर लेकर आया करते थे, लेकिन फाल्गुनी उन सभी ऑफर्स को ठुकराते चली गईं. इस एक जिद ने उनके करियर को काफी नुकसान पहुंचाया. दरअसल, वह फिल्मों में नहीं गाना चाहती थीं. एक इंटरव्यू में फाल्गुनी ने बताया था की बॉलीवुड के गाने में डबल का मेहनत करनी पड़ती है. इसी वजह से वह हिंदी फिल्मों की सिंगर नहीं बनीं और उन्होंने बॉलीवुड को कभी सीरियसली नहीं लिया और धीरे-धीरे गुमनाम हो गईं।मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जब उनका पहला एब्लम हिट हुआ था, तब से ही कई म्यूजिक डायरेक्टर उनके लिए फिल्मों में गाना का ऑफर लेकर आया करते थे, लेकिन फाल्गुनी उन सभी ऑफर्स को ठुकराते चली गईं. इस एक जिद ने उनके करियर को काफी नुकसान पहुंचाया. दरअसल, वह फिल्मों में नहीं गाना चाहती थीं. एक इंटरव्यू में फाल्गुनी ने बताया था की बॉलीवुड के गाने में डबल का मेहनत करनी पड़ती है. इसी वजह से वह हिंदी फिल्मों की सिंगर नहीं बनीं और उन्होंने बॉलीवुड को कभी सीरियसली नहीं लिया और धीरे-धीरे गुमनाम हो गईं
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