लोकसभा चुनाव से पहले ही सपा और कांग्रेस के बीच दरार पड़नी शुरू हो गई है। बागेश्वर में कांग्रेस की हार का ठीकरा जब अजय राय ने सपा पर फोड़ा तो अखिलेश यादव भी चुप नहीं बैठे। सीतापुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने अजय राय की हैसियत तक पूछ ली। इतना ही नहीं अजय राय का बिना नाम लिए अखिलेश ने उन्हें चिरकुट नेता तक बता दिया। अखिलेश यादव ने कहा प्रदेश अध्यक्ष की कोई हैसियत नहीं है, वह पटना या मुंबई की बैठक में नहीं थे, इसलिए उन्हें गठबंधन के बारे में जानकारी ही नहीं। कांग्रेस पर हमलावर हुए अखिलेश ने कहा, ऐसा लगता है कि गठबंधन के लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। कांग्रेस वाले भाजपा से मिले हुए लगते हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अखिलेश यादव ने कहा मुझे पता होता कि गठबंधन प्रदेश स्तर पर नहीं है तो दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के पास सपा के लोगों को नहीं भेजता। मुझे पता होता कि कांग्रेस के लोग धोखा देंगे तो मैं उनकी बात का भरोसा ही नहीं करता। मुझे ये बताया गया है कि छह सीटों पर आपके के लिए सोचा गया है और बताया गया। उन्होंने कहा, सिटिंग एमएलए की जगह आप सीट देंगे और उम्मीद करेंगे कि मैं सच बोलूं। अजय राय के बयान पर अखिलेश ने कहा, कौन क्या कह रहा है, इससे कुछ नहीं होता, जिस व्यक्ति के बारे में आप बात कर रहे हैं, उसे क्या पता है? अखिलेश ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा, अआप अपने चिरकुट नेताओं से हमारी पार्टी के बारे में न बुलवाएं।
दिग्वजिय सिंह और कमलनाथ ने बुलाई थी बैठक
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव पर चर्चा करते हुए कहा, कि प्रदेश के सीएम रहे दिग्वजिय सिंह और कमलनाथ ने रात एक बजे बैठक बुलाई थी, जिसमें सपा कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया था। मीटिंग में पूछा गया था कि कहां-कहां क्या पोजिशन रही, कहीं दूसरे नंबर पर रहे, कहीं जीते भी। इस दौरान सपा को सीटे देने का आश्वासन भी दिया गया, लेकिन रिजल्ट आया तो समाजवाी पार्टी शून्य रही। अगर पहले से पता होता कि विधानसभा स्तर पर गठबंधन नहीं है तो हम उनसे मिलने नहीं जाते और न ही उनका फोन उठाते। जैसा व्यवहार सपा के साथ एमपी में होगा, वैसा ही हम भी यूपी में करेंगे।