भारत के ग्रुप की अन्य टीमें आयरलैंड और युगांडा हैं जिनके साथ उसे 19 और 22 जनवरी को खेलना है। देखने वाली बात यह होगी कि क्या यश धुल भारत के लिए विश्व कप जीतने वाले मोहम्मद कैफ, विराट कोहली, उन्मुक्त चंद और पृथ्वी शॉ की जमात में अपना नाम शुमार करा पाएंगे।
दिल्ली के कप्तानों का शानदाररिकॉर्ड
भारतीय अंडर-19 टीम की अगुआई करने वाले यश धुल राजधानी दिल्ली से ताल्लुक रखते हैं। इस विश्व कप में भारतीय टीम की अगुआई करने वाले दिल्ली के कप्तानों का रिकॉर्ड शानदार रहा है।
दिल्ली से ताल्लुक रखने वाले विराट कोहली ने 2008 में और उन्मुक्त चंद ने 2012 में भारत को चौम्पियन बनाया था। यश धुल यह जिम्मेदारी संभालने वाले दिल्ली के तीसरे कप्तान हैं और इस रिकॉर्ड को वह बनाए रख पाते हैं या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।
भारत को पहली बार मोहम्मद कैफ ने 2000 में चौम्पियन बनाया था। वहीं पृथ्वी शॉ भारत को चौम्पियन बनाने वाले आखिरी कप्तान हैं। उन्होंने यह उपलब्धि 2018 में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर दिलाई थी।
प्रियम गर्ग 2020 में हुए पिछले विश्व कप में भारतीय चुनौती को फाइनल में तो ले जाने में सफल रहे थे पर उन्हें फाइनल में बांग्लादेश के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।
भारतीय टीम पिछले दिनों एशिया कप जीतकर इसमें भाग लेने गई थी। नए साल की पूर्व संध्या पर संयुक्त अरब अमीरात में खेले गए एशिया कप के फाइनल में श्रीलंका को नौ विकेट से हराकर भारत ने यह खिताब जीता था।
इस खिताब को जीतने के दौरान सेमीफाइनल में बांग्लादेश को सहजता से हराकर भारत ने पिछले विश्व कप के फाइनल में हार का हिसाब भी बराबर कर दिया।
ऑस्ट्रेलिया एक ऐसी टीम है जिसे हमेशा खिताब के दावेदारों में माना जाता है। पर भारत ने वॉर्म अप मैच में उसे नौ विकेट से हराकर अपना मनोबल ऊंचा कर लिया है। भारत की इस जीत में हरनूर के शतक और कप्तान यश धुल और शेख राशिद के अर्धशतकों ने अहम भूमिका निभाई।
असल में इन तीनों बल्लेबाजों का रंगत में खेलना बहुत मायने रखता है क्योंकि विश्व कप में इनके प्रदर्शन पर भारतीय संभावनाएं बहुत निर्भर रहने वाली हैं।
भाग लेने वाली टीमें चार ग्रुप में
इस विश्व कप में भाग लेने वाली 16 टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है। ग्रुप ए में पिछली चौम्पियन बांग्लादेश के साथ इंग्लैंड, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात को रखा गया है। ग्रुप बी में भारत के साथ दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड और युगांडा की टीमें हैं। ग्रुप सी में अफगानिस्तान, पाकिस्तान, पापुआ न्यू गिनी और जिम्बाब्वे हैं. वहीं ग्रुप डी में ऑस्ट्रेलिया, स्कॉटलैंड, श्रीलंका और वेस्ट इंडीज को रखा गया है।
इस विश्व कप के फॉर्मेट के हिसाब से प्रत्येक ग्रुप से पहली दो टीमें सुपरलीग क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाएंगी। भारत यदि उम्मीदों के मुताबिक अपने ग्रुप बी में पहले स्थान पर रहता है तो उसका सुपरलीग क्वार्टर फाइनल में ग्रुप ए की दूसरे नंबर की टीम से मुकाबला होगा।
यह टीम बांग्लादेश और इंग्लैंड में से कोई टीम हो सकती है। इस विश्व कप में न्यूजीलैंड की टीम देश में क्वारंटीन के नियम काफी सख्त होने की वजह से भाग नहीं ले रही है। इसलिए इस बार क्वालीफाई नहीं कर सकी स्कॉटलैंड को उसकी जगह मिल गई है।
अफगानिस्तान की दिक्कतें
अफगानिस्तान की टीम को संयुक्त अरब अमीरात में एशिया कप में भाग लेने के बाद वेस्ट इंडीज जाना था। लेकिन टीम के खिलाड़ियों को वीजा मिलने में देरी होने के कारण एक बार तो लगा था कि वह इस बार भाग नहीं ले पाएगी। लेकिन अब उन्हें वीजा मिल गया है और टीम वेस्ट इंडीज जा चुकी है।
इस कारण उनके अभ्यास मैच तो पहले रद्द कर दिए गए थे। पर अब उनके कार्यक्रम में भी थोड़ा बदलाव किया गया है। पहले उन्हें 16 जनवरी को जिम्बाब्वे से खेलकर अपना अभियान शुरू करना था। लेकिन अब टीम 18 जनवरी को पीएनजी से खेलकर अपना अभियान शुरू करेगी।
ऑस्ट्रेलिया हारकर भी आश्वस्त
सरा विश्व कप खेल रहे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान कूपर कोनोली वॉर्म अप मैच में भारत से हारने पर विचलित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मैच से हमें अपनी असलियत पता चली है। पर हमारी टीम सही शेप में दिख रही है। उन्होंने भारत से हारने के दौरान शतक लगाया थां।ं ऑस्ट्रेलिया पहले ही दिन मेजबान वेस्ट इंडीज से खेलकर अपने अभियान की शुरुआत करेगी।
पिछली चौम्पियन बांग्लादेश भले ही एशिया कप के सेमीफाइनल में भारत से हार गई। लेकिन वह रकीबुल हसन की अगुआई में एक बार फिर धमाल मचाने का इरादा रखती है। रकीबुल ने कहा, ‘‘सेंट किट्स की स्थितियां हमारे लिए कठिन नहीं हैं क्योंकि हम यहां पिछले दो हफ्ते से हैं, इसलिए हालात के हिसाब से ढलने में सफल हो गए हैं। हम दोनों वॉर्म अप मैचों में अच्छा प्रदर्शन करके पूरी तरह से खिताब बचाने को तैयार हैं।‘‘
पाकिस्तान ने भारत को एशिया कप के पहले ही मैच में हराकर अपनी क्षमता का एहसास कराया था। लेकिन वह पूरी चौम्पियनशिप में इस प्रदर्शन को दोहराने में असफल रहा। वैसे भी विश्व कप में भारत की उसके साथ मुकाबले की संभावनाएं कम ही हैं। पाकिस्तान के कप्तान कासिम अकरम कहते हैं कि सीनियर टीम के टी-20 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने से टीम को भी अच्छा प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिली है।
भारत को यदि पिछली गलती को सुधारना है तो हरनूर सिंह, शेख राशिद, अंगक्रिश रघुवंशी और कप्तान यश धुल की चौकड़ी का चलना बेहद जरूरी है। यह चारों ही बल्लेबाज भारतीय टीम की जान हैं। हरनूर एशिया कप में सबसे ज्यादा 251 रन बनाकर प्लेयर ऑफ द सिरीज चुने गए थे।
हरनूर ने अपनी इस फॉर्म को वॉर्म अप मैच में बनाए रखा है और इसमें शतक जमाकर टीम की उम्मीदें बंधा दी हैं। हरनूर तो चौलेंजर्स ट्रॉफी में भी तीन शतकों से 412 रन बनाकर अपना लोहा मनवा चुके हैं। अंगक्रिश और राशिद ने एशिया कप के फाइनल में 56 और 31 रनों की पारियों से 96 रन की अटूट साझेदारी बनाकर जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
विश्वकप 1983ः भारत की जीत के बाद मैदान में क्या हुआ था?
भारतीय गेंदबाजी की ताकत लेफ्ट ऑर्म स्पिनर विकी ओस्तवाल और ऑफ स्पिनर कौशल तांबे हैं। एशिया कप जिताने में इस जोड़ी की अहम भूमिका रही है। ओस्तवाल तो फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बने थे। पर भारतीय अटैक में मराठवाड़ा एक्सप्रेस के नाम से पुकारे जाने वाले राजवर्धन हांगरगेकर, राज अंगद बावा की खास भूमिका रहने वाली है।
राजवर्धन 140 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार निकालते हैं और वह अपनी गति से बल्लेबाजों को परेशान करने की क्षमता रखते हैं। वहीं राज अंगद बावा प्रसिद्ध कोच सुखविंदर बावा के बेटे हैं। बाएं हाथ से बल्लेबाजी करने के साथ मध्यम तेज गेंदबाजी करते हैं।
आमतौर पर अंडर-19 विश्व कप को खिलाड़ियों का लॉन्चिंग पैड माना जाता है। भारतीय खिलाड़ियों को यहां से टीम इंडिया की राह पूरी करने में कम से कम तीन-चार साल लग ही जाते हैं। पर इस विश्व कप में अपना डंका बजाने वाले खिलाड़ियों को आईपीएल में जरूर करोड़ों के करार मिल जाते हैं।
पिछले विश्व कप में भाग लेने वाले यशस्वी जायसवाल, प्रियम गर्ग और कार्तिक त्यागी जैसे कई खिलाड़ियों को आईपीएल ने करोड़पति बना दिया था। इस बार आईपीएल की नीलामी विश्व कप के ठीक बाद होनी है।